Saturday, January 22, 2022

जनमत पार्टी और मैं

सन २००५ में मैं अमेरिका में अकेला नेपाली था जिसने एक दो साल लगातार नेपाल के लोकतान्त्रिक आंदोलन के लिए काम किया फुल टाइम। और भी थे और मेरे को इस संगठन में आ जाओ उस कमिटी में बैठो कहने वाले भी थे। मैंने सदस्यता कहीं नहीं लिया। मेरा तरिका था डिजिटल एक्टिविज्म। दुनिया का तभी का  सबसे बड़ा नेपाली मेलिंग लिस्ट मेरा था। नेपाल के सभी पार्टी के केन्द्रीय सदस्य ढेर सारे, मीडिया हाउस के लोग, मानव अधिकार संगठन के लोग, ईमेल वाले बहुत थे उस में। कहा जाता है जभी बिल क्लिंटन अर्कांसा राज्य के गवर्नर थे तो १५०० लोग को अगर आप जानते थे तो सब को जानते थे। मेरे मेलिंग लिस्ट में १०,००० लगभग थे। बाद में मधेस आंदोलन के उभार के बाद उस में से एक तिहाई ने तो ब्लॉक ही कर दिया। 

मैंने एक मधेसी जमघट करवाया उस समय। मेरे सहित पाँच लोग आये। एक नेपाली मंदिर था। एक अपार्टमेंट को ही मंदिर बना दिया गया था। एक बैंकर थे। उन्होंने कहा अभी तक न्यु यॉर्क में कोइ मधेसी जमघट हुवा ही नहीं था। बाद में रतन झा बगैरह ने अमेरिका का पहला मधेसी संगठन एण्टा शुरू किया। तभी वो न्यु यॉर्क में मेरे अलावे और किसी मधेसी को जानते ही नहीं थे। मेरे को कहा आप उपाध्यक्ष बनिए। मैंने कहा चार्टर में लिखा है गैर राजनीतिक संगठन। मैं हार्ड कोर राजनीतिक काम कर रहा आदमी। पद नहीं लुंगा। लेकिन न्यु यॉर्क में संगठन लांच जरूर कर दुंगा। 

अभी हम जनमत पार्टी के नेता लोगों को जैसे देखते हैं सन २००५ में कांग्रेस, एमाले, मधेसी, माओवादी को भी उसी नजर से देखते थे। हमें डर है कि कल को ये सत्ता में जाते हैं तो फिर महिला अधिकार के मुद्दा पर फिर इन लोगों के ही विपक्ष में फिर से खड़ा ना होना पड़ जाए। लेकिन ये भी बात है कि जिस तरह सन २००५ में मुद्दा सिर्फ लोकतंत्र था अब मुद्दा सिर्फ आर्थिक क्रांति का है। पार्टी से बड़ा देश। जिस तरह मैंने उस समय कांग्रेस, एमाले, मधेसी, माओवादी में कोइ फर्क नहीं किया उसी तरह अब सबके सब नेपाली जनमत पार्टी और सीके राउत के पक्ष में आ जाओ प्रवास में भी। आर्थिक क्रांति के मुद्दा को सब के सब कस के पकड़ो। 

उपेन्द्र यादव लॉस एंजेलस में आए। तभी तक उनसे मेरी एक बार भी बातचीत नहीं हुइ थी। न फोन से न ईमेल से। प्लेन से उतरते ही मुझे ढूँढा। में तभी वहाँ से सात घंटा दुर न्यु यॉर्क में था। 

ओबामा का न्यु यॉर्क में मैं पहला स्वयंसेवक। शहर के टॉप ३० स्वयंसेवक सब को अच्छा जानता था। फिर से कहा पद लो, ये कमिटी वो कमिटी, मैंने नहीं लिया। 

जनमत पार्टी में मेरा कोइ पद नहीं है। जनमत पार्टी के प्रवास संगठन में भी नहीं। ऑफर आया था। पद मैं इसलिए नहीं लेता कि मेरा तरिका है डिजिटल एक्टिविज्म का। पद आड़े आ जाता है। लेकिन मैंने महिनो पहले घोषणा कर दिया अगले तीन चुनाव तक मेरा पुर्ण समर्थन जनमत पार्टी को। मुद्दा है आर्थिक क्रांति का। 

जनमत पार्टी पब्लिक में ही जो सब कहती है मेरे को प्रयाप्त जानकारी मिल जाती है। और मुझे जो कहना होता है मैं पब्लिक में ही कह देता हुँ। लोकतान्त्रिक तरिका है वो। मेरे तरफ से कोइ प्रेसर नहीं रहता कि मेरा कहा ही करो। लोकतान्त्रिक पार्टी अपने महाधिवेशन प्रतिनिधि का सुने। आम जनता को सुने। अगर अच्छा लगे तो मेरी बात भी सुनें। मेरा स्टाइल वो है। 

नेपाल में आर्थिक क्रांति करने के लिए कौन रास्ता उपयुक्त है मेरा अभी सारा का सारा फोकस वो रहता है। मैं चाहुँगा पार्टी से बड़ा देश कह के प्रवासी नेपाली सब के सब इस आर्थिक क्रान्ति के मुद्दा को पकड़े और सब के सब जनमत पार्टी के समर्थन में आ जाए। 





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