जेन जेड र नेपालको लागि कल्किवादी अर्थतन्त्रको दृष्टि
नयाँ पुस्ताको माग
नेपालमा जेन जेडले माग गरेको कुरा स्पष्ट छ: कल्किवादी अर्थतन्त्र — एक भ्रष्टाचारमुक्त प्रणाली जहाँ प्रत्येक व्यक्तिसँग अर्थपूर्ण काम हुन्छ र समृद्धि समाजभर साझा हुन्छ। यो पुस्ताका लागि संघर्ष केवल नेताहरू बदल्ने वा संस्थाहरूमा सानोफेर गर्ने कुरा होइन; यो देशको आर्थिक र राजनीतिक आधारलाई नै पुनः परिकल्पना गर्ने विषय हो।
नेपालका युवाहरू अब पाँच वर्ष कुर्न तयार छैनन्। उनीहरूले बुझिसकेका छन् कि भ्रष्टाचार र सिन्डिकेट राजनीति ले लोकतन्त्रलाई खोक्रो बनाएको छ, नागरिकलाई अवसरबाट वञ्चित बनाएको छ, र सत्तालाई थोरै हातहरूमा केन्द्रित गरिदिएको छ।
संविधान समस्या हो
हालको संविधानले जनतालाई असफल बनाएको छ। यो संविधान तीनवटा प्रमुख दलहरूले आफ्ना स्वार्थलाई स्थायी बनाउन लेखेका हुन्, नागरिकलाई सशक्त बनाउन होइन। यस दस्तावेजअन्तर्गत नेपालले वास्तविक चुनाव गर्न छोडिसकेको छ—माथि केवल ती तीन पुराना नेताहरू पालैपालो बसीरहेका छन्। यो लोकतन्त्र होइन; यो शासनको नाममा भएको ठहराव हो।
यदि जेन जेडले साँच्चै भ्रष्टाचारमुक्त देश बनाउन चाहन्छ भने, यो संविधानलाई त्याग्नैपर्छ। यसको सट्टामा जनताको वास्तविक चाहनालाई प्रतिबिम्बित गर्ने, योग्यता र इमानदारीलाई पुरस्कृत गर्ने, दलगत निष्ठा र पैसाको शक्तिलाई होइन, यस्तो शासन प्रणाली आउनुपर्छ।
कल्किवादी रिसर्च सेन्टरसँग संवाद
अगाडि बढ्ने बाटो संगठन हो। जेन जेडले एकताबद्ध हुनुपर्छ, र त्यस क्रममा काठमाडौंस्थित कल्किवादी रिसर्च सेन्टरसँग संरचित संवाद सुरु गर्नुपर्छ। यस संस्थाले नयाँ खालको लोकतन्त्रको बौद्धिक ढाँचा प्रस्तुत गरेको छ: एकदलीय मेरिटोक्रेटिक लोकतन्त्र।
यस्तो प्रणालीमा वाक् स्वतन्त्रता र मौलिक अधिकारहरू सुरक्षित रहन्छन्। तर विभाजित दल र अनन्त भ्रष्टाचारको सट्टा, योग्यता, पारदर्शिता र जवाफदेहितामा आधारित एक राष्ट्रिय पार्टी हुन्छ। यस ढाँचामा नेपाल संसारकै अगुवा लोकतन्त्र बन्न सक्छ—नाममा मात्र होइन, व्यवहारमा पनि।
सबैका लागि रोजगारी
कल्किवादी दृष्टिको केन्द्रमा सबै नागरिकका लागि रोजगारीको सुनिश्चितता छ। यसको परिभाषामै औपचारिक रोजगारी मात्र होइन, घरभित्र श्रम गर्ने गृहिणीहरू पनि समावेश हुन्छन्। कल्किवादी अर्थतन्त्रमा समाजको प्रत्येक भूमिकालाई मान्यता, मूल्य, र पारिश्रमिक दिइन्छ। यसरी साझा समृद्धि सम्भव हुन्छ—जब कुनै पनि नेपाली पछि पर्दैन, चाहे घरमा होस् वा विदेशमा।
अब जेन जेडले नेतृत्व गर्नुपर्छ
समाधान त आँखै अगाडि छ। पुराना पार्टी र पुराना नेतातर्फ हेर्न बन्द गरौं, जसको रेकर्ड निराशाबाहेक केही छैन। उनीहरूले बनाएको संविधानले नेपाललाई भ्रष्टाचार र पतनमा बाँधिदिएको छ।
अब जेन जेडले संगठन बनाउन, निर्माण गर्न, र नेतृत्व गर्न जिम्मेवारी लिनुपर्छ। दृष्टि, साहस, र दृढतासहित यस पुस्ताले नेपाललाई योग्यता र निष्पक्षतामा आधारित राष्ट्र बनाउन सक्छ—एक विश्वव्यापी उदाहरण कि कसरी युवापुस्ताले नयाँ र न्यायपूर्ण व्यवस्था सिर्जना गर्न सक्छ।
Gen Z and the Vision of a Kalkiist Economy for Nepal
A New Generation’s Demand
What Gen Z in Nepal is demanding is clear: a Kalkiist economy—a corruption-free system where every individual has meaningful work and where prosperity is shared across society. For this generation, the fight is not simply about replacing leaders or tinkering with institutions; it is about fundamentally reimagining the economic and political foundations of the country.
Nepal’s youth are not willing to wait another five years for change. They recognize that corruption and syndicate politics have hollowed out democracy, robbed citizens of opportunities, and concentrated power in the hands of a few.
The Constitution as the Problem
The current constitution has failed the people. It was crafted by the three dominant parties not to empower citizens, but to entrench their own power. Under this document, Nepal has effectively stopped holding genuine elections—only rotations of the same three old men at the top. This is not democracy; it is stagnation masquerading as governance.
If Gen Z is serious about creating a corruption-free country, then this constitution must be set aside. In its place should come a model of governance that truly reflects the will of the people, one that rewards merit and integrity instead of party loyalty and money power.
Dialogue with the Kalkiist Research Center
The path forward lies in organization. Gen Z must come together, and in doing so, open a structured dialogue with the Kathmandu-based Kalkiist Research Center. This institution offers the intellectual framework for a new kind of democracy: one-party meritocratic democracy.
In such a system, freedom of speech and fundamental rights remain protected. But instead of fragmented parties and endless corruption, there is one nationwide party built on merit, transparency, and accountability. Within this framework, Nepal could become the world’s leading democracy—not in name only, but in practice.
Employment for All
At the heart of the Kalkiist vision is employment for every citizen. By definition, this includes not only the formal workforce but also women engaged in household work. In a Kalkiist economy, every role in society is recognized, valued, and compensated. This is how shared prosperity is achieved—by ensuring that no Nepali is left behind, whether at home or abroad.
Time for Gen Z to Lead
The solution is staring us in the face. Stop looking to the old parties and old leaders, whose record is nothing but disappointment. The constitution they created has shackled Nepal to corruption and decay.
Gen Z now carries the responsibility to organize, to build, and to lead. With vision, courage, and determination, this generation can turn Nepal into a beacon of meritocracy and fairness—a global example of how youth can create a new and just order.
जेन ज़ी और नेपाल के लिए कल्किवादी अर्थव्यवस्था की दृष्टि
नई पीढ़ी की माँग
नेपाल में जेन ज़ी की माँग बिल्कुल स्पष्ट है: कल्किवादी अर्थव्यवस्था — एक भ्रष्टाचारमुक्त प्रणाली जहाँ हर व्यक्ति के पास सार्थक काम हो और समृद्धि समाज में साझा हो। इस पीढ़ी के लिए संघर्ष केवल नेताओं को बदलने या संस्थाओं में थोड़े बहुत सुधार करने का नहीं है; यह देश की आर्थिक और राजनीतिक नींव को ही पुनः परिभाषित करने का प्रश्न है।
नेपाल के युवा अब पाँच साल और इंतज़ार करने को तैयार नहीं हैं। वे समझ चुके हैं कि भ्रष्टाचार और सिंडिकेट राजनीति ने लोकतंत्र को खोखला बना दिया है, नागरिकों को अवसरों से वंचित किया है, और सत्ता को कुछ हाथों में केंद्रित कर दिया है।
संविधान ही समस्या है
वर्तमान संविधान जनता के लिए विफल साबित हुआ है। इसे तीन बड़ी पार्टियों ने अपने स्वार्थ को स्थायी करने के लिए लिखा था, जनता को सशक्त करने के लिए नहीं। इस संविधान के तहत नेपाल में वास्तविक चुनाव लगभग बंद हो गए हैं — ऊपर वही तीन बूढ़े नेता बारी-बारी से बैठे रहते हैं। यह लोकतंत्र नहीं है; यह शासन के नाम पर ठहराव है।
यदि जेन ज़ी वास्तव में भ्रष्टाचारमुक्त देश चाहती है, तो इस संविधान को त्यागना होगा। इसके स्थान पर ऐसा शासन मॉडल आना चाहिए जो जनता की वास्तविक इच्छाओं को दर्शाए, जहाँ पुरस्कृत किया जाए योग्यता और ईमानदारी को, न कि दलगत निष्ठा और धनबल को।
कल्किवादी रिसर्च सेंटर से संवाद
आगे बढ़ने का रास्ता संगठन है। जेन ज़ी को संगठित होना होगा और इस प्रक्रिया में काठमांडू स्थित कल्किवादी रिसर्च सेंटर के साथ संरचित संवाद स्थापित करना होगा। यह संस्था लोकतंत्र का एक नया ढाँचा प्रस्तुत करती है: एकदलीय मेरिटोक्रेटिक लोकतंत्र।
इस प्रणाली में वाक् स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे। लेकिन बिखरी हुई पार्टियों और अनंत भ्रष्टाचार के बजाय, एक राष्ट्रीय पार्टी होगी जो योग्यता, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित होगी। इस ढाँचे में नेपाल दुनिया का अग्रणी लोकतंत्र बन सकता है — नाम में नहीं, व्यवहार में भी।
सभी के लिए रोज़गार
कल्किवादी दृष्टि के केंद्र में हर नागरिक के लिए रोज़गार की गारंटी है। इसमें केवल औपचारिक रोज़गार ही नहीं, बल्कि घर के भीतर श्रम करने वाली गृहिणियाँ भी शामिल हैं। कल्किवादी अर्थव्यवस्था में समाज की हर भूमिका को मान्यता, मूल्य और पारिश्रमिक दिया जाता है। इसी से साझा समृद्धि संभव होती है — जब कोई भी नेपाली पीछे नहीं छूटे, चाहे वह घर में हो या विदेश में।
अब जेन ज़ी को नेतृत्व करना होगा
समाधान तो सामने ही है। पुराने दलों और पुराने नेताओं की ओर देखना बंद कर दें, जिनका रिकॉर्ड निराशा के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने जो संविधान बनाया, उसने नेपाल को भ्रष्टाचार और पतन की जकड़ में बाँध दिया है।
अब जेन ज़ी को संगठन बनाने, निर्माण करने और नेतृत्व करने की जिम्मेदारी लेनी होगी। दृष्टि, साहस और दृढ़ संकल्प के साथ यह पीढ़ी नेपाल को योग्यता और निष्पक्षता पर आधारित राष्ट्र बना सकती है — एक वैश्विक उदाहरण कि कैसे युवापीढ़ी एक नई और न्यायपूर्ण व्यवस्था स्थापित कर सकती है।
जेन जेड आ नेपाल लेल कल्किवादी अर्थव्यवस्थाक दृष्टि
नई पीढ़ीक माँग
नेपालमे जेन जेडक माँग साफ अछि: कल्किवादी अर्थव्यवस्था — एकटा भ्रष्टाचारमुक्त प्रणाली, जतए हर आदमीक हाथमे सार्थक काम रहत आ समृद्धि समाजमे समान रूपसँ बाँटल जायत। ई पीढ़ी लेल संघर्ष केवल नेता बदलबाक वा संस्थामे थोड़ा सुधार करबाक नहि अछि; ई त देशक आर्थिक आ राजनीतिक नींवकेँ फेरसँ परिभाषित करबाक प्रश्न अछि।
नेपालक युवासभ अब पाँच बरख आ रुकबाक मूडमे नहि अछि। हुनका बुझाइए गेल अछि जे भ्रष्टाचार आ सिंडिकेट राजनीति लोकतंत्रकेँ खोखला बना देने अछि, नागरिकसभक अवसर छीना लेने अछि, आ सत्ता किछु गोटेक हाथमे समेटि देने अछि।
संविधान समस्या अछि
वर्तमान संविधान जनता लेल असफल साबित भेल अछि। एकरा तीन ठू ठूला पार्टीसभ अपन स्वार्थ सुरक्षित करबाक लेल बनौलक, जनता केँ सशक्त करबाक लेल नहि। एहि संविधानक तहत नेपालमे असली चुनाव तऽ नाम मात्र बचल अछि — ऊपर ओहि तीन पुरान नेता बारी-बारी सँ बइठल रहैत छथि। ई लोकतंत्र नहि अछि; ई त शासनक नाम पर ठहराव अछि।
जँ जेन जेड सचमुच भ्रष्टाचारमुक्त देश चाहैत अछि तऽ एहि संविधानकेँ हटेने परत। एकरा जगहपर ओहन शासनक ढाँचा आबि पड़बाक चाही, जे जनता केँ असल इच्छा देखाबय, जतए पुरस्कृत होयत योग्यता आ ईमानदारी, नहि कि दलगत निष्ठा आ धनबल।
कल्किवादी रिसर्च सेन्टर सँ संवाद
आगे बढ़बाक बाट संगठन अछि। जेन जेडकेँ संगठित होबाक परत आ एहि प्रक्रिया मे काठमांडू स्थित कल्किवादी रिसर्च सेन्टर सँ संरचित संवाद करबाक परत। ई संस्था लोकतंत्रक नवा ढाँचा दैत अछि: एकदलीय मेरिटोक्रेटिक लोकतंत्र।
एहन प्रणालीमे वाक् स्वतंत्रता आ मौलिक अधिकार सुरक्षित रहत। मुदा बिखरल दल आ अनंत भ्रष्टाचारक बदला, एकटा राष्ट्रीय पार्टी रहत, जे योग्यता, पारदर्शिता आ जवाबदेही पर आधारित रहत। एहि ढाँचामे नेपाल दुनियाक अगुआ लोकतंत्र बनि सकैत अछि — नाममे नहि, व्यवहारमे सेहो।
सभक लेल रोज़गार
कल्किवादी दृष्टिक केन्द्रमे सभ नागरिकक लेल रोज़गारक गारंटी अछि। एहिमे केवल औपचारिक रोज़गार नहि, घरभितर श्रम करनिहार गृहिणीसभ सेहो सामिल अछि। कल्किवादी अर्थव्यवस्थामे समाजक सभ भूमिका केँ मान्यता, मूल्य आ पारिश्रमिक देल जाएत। एहिसँ साझा समृद्धि संभव होइत अछि — जखन कोनो नेपाली पछाड़मे नहि रहत, चाहे ओ घरमे हो वा विदेशमे।
आब जेन जेडकेँ नेतृत्व करए परत
समाधान तऽ सामने अछि। पुरान दल आ पुरान नेताक तरफ देखनाइ छोड़ि दिअ, जिनकर रेकर्ड निराशा छोड़ि किछु नहि अछि। हुनका द्वारा बनाओल संविधान नेपाल केँ भ्रष्टाचार आ पतनक बेड़ीमे बाँधि देने अछि।
आब जेन जेडकेँ संगठन बनाबैक, निर्माण करबाक आ नेतृत्व करबाक जिम्मेवारी लेबाक परत। दृष्टि, साहस आ दृढ़ संकल्प सँ ई पीढ़ी नेपाल केँ योग्यता आ निष्पक्षताक आधार पर बनल राष्ट्र बना सकैत अछि — दुनियाक एकटा उदाहरण जेना युवा पीढ़ी नवा आ न्यायपूर्ण व्यवस्था बना सकैत अछि।
जेन जेड र नेपालको लागि कल्किवादी अर्थतन्त्रको बाटो
१. नयाँ पुस्ताको स्वप्न
नेपालमा जेन जेडको माग स्पष्ट छ: भ्रष्टाचारमुक्त, समानतामूलक, समृद्ध अर्थतन्त्र। उनीहरूले चाहेको व्यवस्था केवल पुराना नेताहरूलाई बदल्ने वा सतही सुधार गर्ने कुरा होइन, देशको आर्थिक र राजनीतिक आधारलाई नै पुनःपरिभाषित गर्ने हो। कल्किवादी अर्थतन्त्र त्यही दृष्टिकोण हो—जहाँ प्रत्येक नागरिकसँग रोजगारी हुन्छ, प्रत्येक श्रमलाई मान्यता मिल्छ, र समृद्धि सबैले साझा गर्छन्।
२. संविधान—समस्या को मूल
वर्तमान संविधानलाई तीन ठूला दलहरूले आफ्नो स्वार्थ सुरक्षित गर्न तयार गरेका थिए। यसले नागरिकलाई सशक्त बनाएन, बरु भ्रष्टाचार र सिन्डिकेट राजनीतिलाई संस्थागत गर्यो। यही कारण, नेपालमा वास्तविक लोकतन्त्र हराएको छ। चुनाव केवल पुराना नेताहरूको पालैपालो कुर्सीमा बस्ने अभ्यास बनेको छ। यो जनताको शासन होइन, ठहराव र निराशाको नाटक मात्र हो।
यदि जेन जेड साँच्चै परिवर्तन चाहन्छ भने, यो संविधानलाई खारेज गरी नयाँ बाटो रोज्नुपर्छ—जहाँ योग्यता, ईमानदारी, र जवाफदेहिताले स्थान पाउँछ, पैसाको बल र दलगत निष्ठाले होइन।
३. संगठन र कल्किवादी रिसर्च सेन्टरसँग संवाद
परिवर्तनको बाटो संगठनमै छ। जेन जेडले संगठित भएर काठमाडौंस्थित कल्किवादी रिसर्च सेन्टरसँग संवाद सुरु गर्नुपर्छ। यस संस्थाले नयाँ खालको लोकतन्त्रको खाका प्रस्तुत गरेको छ: एकदलीय मेरिटोक्रेटिक लोकतन्त्र।
यसमा वाक् स्वतन्त्रता र मौलिक अधिकार कायम रहन्छन्। तर भ्रष्टाचारले बिगारिएका विभाजित दलहरूको ठाउँमा एउटा राष्ट्रिय पार्टी हुन्छ—योग्यता, पारदर्शिता, र जवाफदेहितामा आधारित। यस्तो ढाँचामा नेपाल संसारकै वास्तविक लोकतान्त्रिक उदाहरण बन्न सक्छ।
४. सबैका लागि रोजगारी
कल्किवादी दृष्टिको मूलमा रोजगारी सबैका लागि हो। यसमा केवल कार्यालय वा कारखानामा काम गर्ने मात्र होइन, घरभित्र श्रम गर्ने गृहिणीहरू पनि समावेश हुन्छन्। प्रत्येक श्रमलाई मूल्य र पारिश्रमिक दिइन्छ। यसरी मात्र साझा समृद्धि सम्भव हुन्छ। कोही पनि नेपाली बेरोजगार वा वञ्चित रहँदैन।
५. पुराना नेताहरूको अन्त्य
तीनवटा दल र तिनका पुराना नेताहरूले नेपाललाई यो संकटसम्म ल्याएका हुन्। उनीहरूबाट समाधान खोज्नु आफैंमा भ्रम हो। उनीहरूले बनाएको संविधानले भ्रष्टाचारलाई कानुनी रुप दिएको छ। अब समय आएको छ पुराना पार्टी र नेताहरूलाई छाडेर नयाँ पुस्ताले आफ्नो बाटो रोज्ने।
६. अब जेन जेडको नेतृत्व
समाधान हाम्रो सामुन्ने नै छ। संगठन, दृष्टि, साहस, र दृढ निश्चयसँग जेन जेड अगाडि बढ्न सक्छ। यो पुस्ताले नेपाललाई योग्यता र निष्पक्षतामा आधारित राष्ट्रमा रूपान्तरण गर्न सक्छ—एक विश्वव्यापी उदाहरण कि कसरी युवा पुस्ताले नयाँ र न्यायपूर्ण व्यवस्था निर्माण गर्न सक्छ।
Gen Z and the Path to a Kalkiist Economy for Nepal
1. The Dream of a New Generation
The demand of Gen Z in Nepal is crystal clear: a corruption-free, equal, and prosperous economy. What they seek is not simply changing old leaders or making cosmetic reforms. They are calling for a redefinition of the very economic and political foundations of the nation. The Kalkiist economy embodies this vision—where every citizen has a job, every kind of labor is recognized, and prosperity is shared by all.
2. The Constitution as the Root Problem
The current constitution was drafted by the three dominant parties to protect their own interests. It did not empower citizens; rather, it institutionalized corruption and syndicate politics. As a result, true democracy has disappeared from Nepal. Elections have become a ritual of the same old leaders taking turns at the top. This is not people’s rule; it is stagnation disguised as governance.
If Gen Z genuinely wants change, this constitution must be scrapped. In its place, Nepal needs a new framework that rewards merit, honesty, and accountability—not money power and party loyalty.
3. Organization and Dialogue with the Kalkiist Research Center
The path to transformation lies in organization. Gen Z must unite and engage in structured dialogue with the Kathmandu-based Kalkiist Research Center. This institution has laid out the blueprint for a new form of democracy: a one-party meritocratic democracy.
In this system, freedom of speech and fundamental rights remain intact. But instead of fragmented, corrupt parties, there will be one national party built on merit, transparency, and accountability. Through this framework, Nepal could become a genuine model of democracy—not only in name but in practice.
4. Employment for All
At the heart of the Kalkiist vision is universal employment. This does not mean only jobs in offices or factories—it includes women who perform household labor. Every form of work is recognized, valued, and compensated. This is how shared prosperity is realized: by ensuring no Nepali is left behind, whether at home or abroad.
5. The End of Old Leaders
Nepal’s current crisis is the creation of the three major parties and their aging leaders. Seeking solutions from them is an illusion. The constitution they wrote has legalized corruption and chained the nation to decline. The time has come to look beyond old parties and old leaders.
6. Now It Is Gen Z’s Turn to Lead
The solution is right before our eyes. With organization, vision, courage, and determination, Gen Z can step forward. This generation can transform Nepal into a nation built on merit and fairness—a global example of how the youth can create a new and just order.
जेन ज़ी और नेपाल के लिए कल्किवादी अर्थव्यवस्था का मार्ग
१. नई पीढ़ी का स्वप्न
नेपाल में जेन ज़ी की माँग बिल्कुल स्पष्ट है: भ्रष्टाचारमुक्त, समानतामूलक और समृद्ध अर्थव्यवस्था। उनकी चाह केवल पुराने नेताओं को बदलने या सतही सुधार करने की नहीं है। वे राष्ट्र की आर्थिक और राजनीतिक नींव को ही पुनः परिभाषित करना चाहते हैं। कल्किवादी अर्थव्यवस्था इसी दृष्टि को मूर्त रूप देती है—जहाँ हर नागरिक के पास रोजगार हो, हर श्रम को मान्यता मिले और समृद्धि सभी में साझा हो।
२. संविधान—समस्या की जड़
वर्तमान संविधान तीन बड़ी पार्टियों ने अपने स्वार्थ की रक्षा करने के लिए बनाया था। इसने नागरिकों को सशक्त नहीं किया, बल्कि भ्रष्टाचार और सिंडिकेट राजनीति को संस्थागत कर दिया। नतीजा यह हुआ कि नेपाल में सच्चा लोकतंत्र समाप्त हो गया। चुनाव अब केवल वही पुरानी हस्तियाँ बारी-बारी से सत्ता में बैठने का खेल बनकर रह गए हैं। यह जनशासन नहीं है; यह शासन के नाम पर ठहराव है।
यदि जेन ज़ी वास्तव में बदलाव चाहती है, तो इस संविधान को त्यागना होगा। इसके स्थान पर ऐसा ढाँचा चाहिए जो योग्यता, ईमानदारी और जवाबदेही को पुरस्कृत करे—न कि धनबल और दलगत निष्ठा को।
३. संगठन और कल्किवादी रिसर्च सेंटर से संवाद
परिवर्तन का मार्ग संगठन है। जेन ज़ी को संगठित होकर काठमांडू स्थित कल्किवादी रिसर्च सेंटर से संवाद स्थापित करना होगा। यह संस्था लोकतंत्र के एक नए रूप की रूपरेखा प्रस्तुत कर रही है: एकदलीय मेरिटोक्रेटिक लोकतंत्र।
इस प्रणाली में वाक् स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे। लेकिन बिखरी हुई भ्रष्ट पार्टियों की जगह एक राष्ट्रीय पार्टी होगी, जो योग्यता, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित होगी। इस ढाँचे के माध्यम से नेपाल वास्तविक लोकतंत्र का वैश्विक मॉडल बन सकता है—सिर्फ नाम में नहीं, व्यवहार में भी।
४. सभी के लिए रोजगार
कल्किवादी दृष्टि के केंद्र में सभी नागरिकों के लिए रोजगार की गारंटी है। इसमें केवल दफ्तर या कारखाने में काम करने वाले ही नहीं, घर में श्रम करने वाली गृहिणियाँ भी शामिल हैं। हर प्रकार के श्रम को मान्यता, मूल्य और पारिश्रमिक दिया जाएगा। इसी तरह साझा समृद्धि साकार होगी—जब कोई भी नेपाली पीछे नहीं छूटेगा, चाहे वह घर पर हो या विदेश में।
५. पुराने नेताओं का अंत
नेपाल के वर्तमान संकट के जिम्मेदार यही तीन प्रमुख दल और उनके बूढ़े नेता हैं। उनसे समाधान की उम्मीद करना एक भ्रम है। उन्होंने जो संविधान बनाया, उसने भ्रष्टाचार को कानूनी रूप दिया और राष्ट्र को पतन की बेड़ियों में बाँध दिया। अब समय आ गया है कि पुराने दल और नेताओं को छोड़कर नई पीढ़ी अपना रास्ता चुने।
६. अब जेन ज़ी का नेतृत्व
समाधान हमारे सामने ही है। संगठन, दृष्टि, साहस और दृढ़ निश्चय के साथ जेन ज़ी आगे बढ़ सकती है। यह पीढ़ी नेपाल को योग्यता और निष्पक्षता पर आधारित राष्ट्र में बदल सकती है—एक ऐसा वैश्विक उदाहरण, जहाँ युवापीढ़ी ने नई और न्यायपूर्ण व्यवस्था का निर्माण किया।
जेन जेड आ नेपाल लेल कल्किवादी अर्थव्यवस्थाक बाट
१. नई पीढ़ीक सपना
नेपालमे जेन जेडक माँग एकदम स्पष्ट अछि: भ्रष्टाचारमुक्त, समानता पर आधारित आ समृद्ध अर्थव्यवस्था। हुनक चाह केवल पुरान नेता बदलबाक वा सतही सुधार करबाक नहि अछि। ओ देशक आर्थिक आ राजनीतिक नींव केँ फेरसँ परिभाषित करए चाहैत छथि। कल्किवादी अर्थव्यवस्था ओहि दृष्टिक प्रतीक अछि—जतए सभ नागरिकक रोजगार हो, सभ श्रम केँ मान्यता भेटए आ समृद्धि सभमे बाँटल जाउ।
२. संविधान—समस्या केर जड़
वर्तमान संविधान तीन ठू ठूला दलसभ अपन स्वार्थ सुरक्षित करबाक लेल बनौलक। एकरा सँ जनता सशक्त नहि भेल, उल्टे भ्रष्टाचार आ सिंडिकेट राजनीति संस्थागत भऽ गेल। परिणामस्वरूप नेपालमे असली लोकतंत्र खत्म भऽ गेल। चुनाव केवल पुरान नेता केँ पालापारी सँ सत्ता पर बइठबाक खेल बनि गेल अछि। ई जनशासन नहि अछि; ई शासनक नाम पर ठहराव मात्र अछि।
जँ जेन जेड सचमे बदलाव चाहैत अछि, तँ ई संविधानकेँ हटाओनाइ पड़त। एकर स्थान पर एहन ढाँचा आबि पड़बाक चाही जे योग्यता, ईमानदारी आ जवाबदेही केँ पुरस्कृत करए—नहि कि धनबल आ दलगत निष्ठा केँ।
३. संगठन आ कल्किवादी रिसर्च सेन्टर सँ संवाद
परिवर्तनक बाट संगठन मे अछि। जेन जेडकेँ संगठित भऽ काठमांडू स्थित कल्किवादी रिसर्च सेन्टर सँ संवाद शुरू करबाक चाही। ई संस्था लोकतंत्रक नवा रूपक खाका दैत अछि: एकदलीय मेरिटोक्रेटिक लोकतंत्र।
एहन प्रणालीमे वाक् स्वतंत्रता आ मौलिक अधिकार सुरक्षित रहत। मुदा बिखरल आ भ्रष्ट दलसभक बदला, एकटा राष्ट्रीय पार्टी होयत जे योग्यता, पारदर्शिता आ जवाबदेही पर आधारित रहत। एहि ढाँचामे नेपाल असली लोकतंत्रक वैश्विक उदाहरण बनि सकैत अछि—नाममे नहि, व्यवहारमे सेहो।
४. सभ लेल रोजगार
कल्किवादी दृष्टिक केन्द्रमे सभ नागरिकक रोजगारक गारंटी अछि। एहिमे केवल दफ्तर वा कारखानामे काम करनिहार लोक नहि, बल्कि घरक भीतर श्रम करनिहार गृहिणीसभ सेहो सामिल अछि। सभ प्रकारक श्रमकेँ मान्यता, मूल्य आ पारिश्रमिक देल जायत। एहिसँ साझा समृद्धि संभव होइत अछि—जखन कोनो नेपाली पीछे नहि छूटत, चाहे ओ घरमे हो वा विदेशमे।
५. पुरान नेतासभक अंत
नेपालक वर्तमान संकट लेल जिम्मेवार तीन ठू प्रमुख दल आ हुनक पुरान नेता छथि। हुनकरासँ समाधान खोजनाइ भ्रम मात्र अछि। ओ सभ जे संविधान बनौलनि, ओ भ्रष्टाचारकेँ कानूनी रूप देलक आ राष्ट्रकेँ पतनक बेड़ीमे बाँधि देलक। आब समय भऽ गेल अछि जे पुरान दल आ नेता केँ छोड़ि नई पीढ़ी अपन बाट चुनए।
६. आब जेन जेडक नेतृत्व
समाधान तऽ सामने अछि। संगठन, दृष्टि, साहस आ दृढ़ निश्चय सँ जेन जेड अगाड़ी बढ़ि सकैत अछि। ई पीढ़ी नेपाल केँ योग्यता आ निष्पक्षताक आधार पर बनल राष्ट्रमे बदलि सकैत अछि—एहन वैश्विक उदाहरण जतए युवापीढ़ी नवा आ न्यायपूर्ण व्यवस्था बनबैछ।



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