Monday, October 25, 2021

संयम अपनाना बहुत जरूरी है

लाठी ले के जुलुस में निकल सकते हैं लेकिन लाठी का प्रयोग गलत होगा, आन्दोलन को डीरेल कर देगा। प्रेसर बनाना होता है। जिन १७ लोगों को हिरासत में ले लिए हैं उनको छोडो कह के मांग करना सही रास्ता है, उस मांग को और भी जोरो से कहिए। जितना लम्बा रखे रहेंगे आंदोलन उतने कड़े ढंग से उभरेगी। 

इस आंदोलन का सबल पक्ष होना चाहिए प्रशिक्षण और अनुशासन। जनमत पार्टी के नेतृत्व में हो रहा ये आंदोलन। अपना पकड़ कायम रखना होगा। ये संगठन विस्तार का मौका है। आंदोलन के साथ साथ सदस्यता अभियान चलाने का मौका है। 

आंदोलनकारी आंदोलन कर के शाम को लौटते हैं तो बैठक करिए। सबको बोलने दिजिए। आंदोलन का वो दुसरा पक्ष है। सिर्फ सड़क नहीं बैठक भी, बहस भी। सबको बोलने दिजिए। 

ये आंदोलन तीनो चुनाव स्वीप करने की आंदोलन है। ये आंदोलन १८ जिले से भले शुरू हुइ हो लेकिन जाएगी ७७ जिले तक। जनमत पार्टी चाह के भी न रोक सकेगी। 

भ्रष्टाचार के एक मुद्दा पर लेजर फोकस बना के ७७ जिले तक संगठन विस्तार कर के लगातार तीन चुनाव स्वीप कर के केंद्र में अकेले ६०-६५% सीट के बल पर एकमना सरकार बना के क्रांतिकारी रफ़्तार में काम करना होगा। राज्य का पुनर्संरचना करना होगा। वैसी जरूरत पड़ी तो ५०० न्यायधीश को एक ही बार में महाभियोग लगाना होगा। नेपाल सेना को वापस ३०,००० तक लाना होगा। सरकारी तलब खाने वालो के संख्या में भारी कटौती करना होगा। 

भ्रष्टाचार आर्थिक क्रांति के रास्ते में रुकावट है। भ्रष्टाचार को रास्ते से हटा के देश को आर्थिक क्रांति के रास्ते पर ले जाना होगा।

उच्चतम आतंरिक लोकतंत्र और चरम अनुशासन प्रदर्शन कर रही है जनमत पार्टी। उसको सत्ता में भी कायम रखना होगा। 

जनकपुर में जनकारवाही क्यों हुवा? बिराटनगर में क्यों नहीं?  काठमांडु पोखरा में क्यों नहीं? क्योंकि नेपाल का अभी तक का प्रत्येक क्रांति का पहला बारूद विस्फोट होता है तो जनकपुर में ही। राणा काल से अभी तक वैसा ही होता आया है। 

जाग जाओ अब पहाड़ में भी। डरो मत। ये जनमत पार्टी की ललकार है। 



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