Tuesday, March 12, 2019

सीके को चाहिए कि अपने कार्यकर्ताओं को सम्बोधन करें

सीके राउतले आफ्नो पार्टीको नाम मिशन मधेस राख्ने कि?
सांगठनिक एकीकरण पछि हुन्छ संविधान संसोधन
एउटै पार्टी राष्ट्रिय फोरम र ६ जना सह-अध्यक्ष
सीके राउत र केपी ओली बीच सम्झौता र आफैमा बाझियेका तर्कहरू
सीके ले नेतृत्व प्रदर्शन गर्ने बेला हो यो
सीके र चुनावी अंकगणित
सीके ले पार्टी खोल्नुपर्छ, चुनाव लड्नुपर्छ
सीके राउत की गिरफ़्तारी नेपाल लोकतंत्र न होने का प्रमाण है

(अगर मैं उनके लिए भाषण लिखता तो क्या लिखता?)

स्वतंत्र मधेस गठबंधन के मेरे समस्त साथी, और मधेस की जनताको मेरा हार्दिक अभिवादन।

काठमांडु से मैं कुछ ही दिन पहले लौटा हुँ। हमारे संगठन और नेपाल सरकार के बीच जो ११ बुँदे सम्झौता हुआ वो तो आप सबके सामने कई दिनों से है। लेकिन उसके बारे में अभी भी तरह तरह के शंका उपशंका प्रकट हो रहे हैं। इधर भी हो रहे हैं और उधर भी। तो मैंने सोंचा आप सबके सामने कुछ बातें स्पष्ट कर दु।

लक्ष्य मेरा सदा से रहा है कि मधेसी जनताको समानता और समृद्धि मिले। उस लक्ष्य पर मैं बिलकुल बरक़रार हुँ। उस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए राजनीतिक धरातल का तथ्यपरक अध्ययन करते हुवे आगे बढ़ना होता है। रणनीति समय समय पर बदलने होते है। आप बंद घड़ी नहीं बन सकते हैं जो दिन में सिर्फ दो बार सही समय दे।

मधेस आंदोलन के इतिहास में स्वतंत्र मधेस गठबंधन ने अभी तक जितने कार्यक्रम किए वो एक मिशाल बन के रह गया है। हम अहिंसाके मार्ग पर अनुशासित ढंग से आगे बढ़ते रहे हैं। जब उन्होंने हम पर लाठी उठाया हमने उन्हें फुल अर्पण किया। हमने किसी पर इट नहीं फेका कभी भी। हमारा संघर्ष किसी समुदाय के विरुद्ध कभी भी नहीं था, अभी भी नहीं है। राजनीतिक समानता प्रत्येक मानवका जन्मसिद्ध अधिकार है। नेपालके संविधान में लिखा गया है मानव अधिकार। लेकिन मधेसी अभी भी उससे वंचित हैं। इस बात को नेपाल सरकार ने स्वीकार किया है।

इस सहमति की एक बड़ी उपलब्धि ये भी रही है कि हमारे कुछ साथी सालो से जेल में थे। वे सब मुक्त होने जा रहे हैं। मैं चाहुँगा वो सब फिर से हमारे संगठन में सक्रिय हो जाएँ। हमारा मंजिल मधेसीको समानता और समृद्धि तक पहुँचाना है। हम अभी वहाँ तक नहीं पहुँचे हैं। हमें डटे रहना है।

मधेसका अपना एक स्पष्ट भुभाग है। मधेसको अगर अलग देश बनाया जाए तो वो दुनिया के बहुसंख्यक देशों से बड़ा देश ही बनेगा। काठमांडु के सत्ता ने मधेस आंदोलन से समझौता करने लेकिन समझौता पालन न करने का नाटक बार बार किया। उस परिस्थिति में मधेस अलग देशके अलावे दुसरा रास्ता नहीं दिख रहा था। लेकिन हमारा प्रमुख लक्ष्य मधेस अलग देश कभी नहीं था। मुख्य उद्देश्य सदैव रहा है मधेसी को समानता और समृद्धि तक पहुँचाना। मधेस अलग देश तो वहां तक पहुँचने का साधन था।

उद्देश्य नहीं बदला जा सकता। लेकिन साधन बदला जा सकता है।

क्रान्ति के बल पर जनमत संग्रह की मांग हो तो वैसी क्रांति हुइ नहीं। केंद्र सरकार भी और प्रांतीय सरकार भी जनमत संग्रह विरुद्ध खड़े मिलते हैं। नेपालके संविधान में ही जनमत संग्रह का प्रावधान नहीं है। कमसेकम उस किस्मका जनमत संग्रह जैसा कि हम चाहते थे उसका प्रावधान नहीं है। भु-राजनीति भी बड़ी बात होती है। दोनों पड़ोसी देश अपने ही आतंरिक कारणों से इस मुद्दे पर जनमत संग्रह के रास्ते को रोके हुवे हैं ऐसा प्रतीत होता है।

हमने अपने आपको एक मोड़ पर खड़े पाया। मधेसी को समानता और समृद्धि तक पहुँचाना है तो अब आगे कैसे बढ़ा जाए? जिस तरह प्रचंड के लिए माओवादी संगठन को हिंसाका रास्ता छोड़ना एक बड़ा कदम था, एक अकल्पनीय पर सही कदम था उसी तरह हम इस नतिजे पर पहुँचे कि मधेसी को समानता और समृद्धि तक पहुँचाने का जो हमारा लक्ष्य है उससे अगर जुड़े रहना है, अगर उस लक्ष्य तक जल्दी से पहुँचना है तो हमें अपना साधन बदलना होगा। हमें थोड़ा कोर्स करेक्शन करना होगा। हमने मधेसी को समानता और समृद्धि तक पहुँचाने के अपने लक्ष्य को और मजबुती से पकड़ने के लिए अभी के लिए मधेस अलग देश के एजेंडा को बैकबर्नर पर रख दिया है। वो अब एक दुर का लक्ष्य रह गया है।

अभी हम अपने संगठन को एक नया नाम देकर, एक पार्टी का रूप देकर महाधिवेशन की ओर ले जाएंगे। काफी आतंरिक छलफल के बाद नाम तय किया गया है मिशन मधेस। पार्टी का नाम है मिशन मधेस। हम सड़क से संसद तक, सोशल मीडिया से मास मीडिया तक, देश से विदेश तक, हर संभव तरिके से अपने लक्ष्य को प्राप्ति करने में जुटे रहेंगे। आप लोगो ने अभी तक साथ दिया। अब आगे भी साथ दिजिए। हमारा संगठन अब पुर्ण रूपसे खुलकर अपना काम करेगी। संगठन विस्तार करेगी। चुनाव लड़ेगी।

हम चाहेंगे हम संगठन विस्तार करें और विचार मिलने वाले दलों से मिल के मोर्चा बना के आगे बढ़ें। बात अगर आगे बढ़ती है तो हम सांगठनिक एकीकरण के लिए भी तैयार रहेंगे। हमें लगेगा लक्ष्य तक पहुँचने के लिए तीन चार अलग अलग पार्टी के जगह सिर्फ एक पार्टी हो तो ज्यादा अच्छा है तो हम उसके लिए तैयार रहेंगे। क्यों नहीं? मंजिल एक और राही दो फिर प्यार कैसे न हो?

धन्यवाद और अभिवादन। जय मधेस।



सीके राउतले आफ्नो पार्टीको नाम मिशन मधेस राख्ने कि?

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