Wednesday, February 07, 2007

िवजयकी सुगन्ध अा रही है



देखो तो मधेशको
माथेकी लालीको देखो

चेहरेकी रौनकको देखो


सिदयोंकी दासता यूं फेंक दी

जंजीरको तोड िदया

अाकाशसे िनचे ताक रहे

उन शहीदोंको देखो

कैसे बेिफक्र िदख रहे हैं

जैसे िक कुछ हुअा ही नही
न कोइ दर्द, न कोइ पछतावा

िसर्फ एक गर्व

एक अट्टाहास

कभी िकमत चुका पाएंगे क्या

संभव नहीं


गोली खायी, लाठी खायी

दम तोड िदया
कुर्बानी कर दी

देखो कैसे देखे जा रहे हैं

सारे अाकाश पर छा से गए हैं

पूरब, पश्िचम, उत्तर, दक्िषण
िजधर देखो सब तरफ छा से गए हैं

िकमत चुकाना
संभव तो नहीं

Sunday, February 04, 2007

माघे क्रान्ित


अप्िरल क्रान्ित क्या खाक क्रान्ित थी
इस माघे क्रान्ितको देखो
मधेशका कोइ एेसा गाँव नहीं
शहरका कोइ कोना नहीं
जहाँ सर पर कफन बाँधके
नहीं िनकले हो लोग
सयकडों वरष से
दबाके रखे गए थे
उस दर्दको
िगिरजा कोइरालाका वार्ता
क्या खाक सुलझाएगी
कैसी मरहम पट्टी लगाएगी

क्रान्ित वार्ता थोडे करती है
क्रान्ित तो िवजयकी अोर बढती है
बढ रही है

मधेशी हम लेंगे सौ में पचास
संिवधान सभाके चुनावके िलए
अाधा िनर्वाचन क्षेत्र लेंगे
मधेश नामका राज्य लेंगे
अभी

वार्ता िकस बातकी

िगिरजाको बोलो
कान खोलके
सडकका अावाज सुने

अप्िरलमें राजा
माघमें िगिरजा
दोनो िभलेन हैं

उल्टे चोर कोतवालको डाँटे
संवैधािनक राजतन्त्रका बात करता िगिरजा
उल्टे कहता है मधेशमें राजावादीका घुसपैठ है
वीपी ने कहते हैं कहा िगिरजा हवल्दार है
हवल्दार कहाँ ये तो चोर है
उल्टे कोतवालको डाँट रहा है

कहता है िहन्दु कट्टरपन्थीयोंका घुसपैठ है
िदल्लीमें इस बातको लेकर
बीजेपीवाले गुस्सा हो गए हैं
वाजपयी अौर अाडवाणीका मुड अफ है

भाँडमें जाए संिवधान सभा
गणतन्त्रका घोषणा अभी करो
नहीं चािहए पहाडी राजा
हमें तो मधेशी राष्ट्रपित चािहए

मधेशसे
िगिरजाका पत्ता साफ करो
माधवका पत्ता साफ करो
सुबथाका पत्ता साफ करो
प्रचण्डका पत्ता साफ करो

काँग्रेसको हटाअो
कम्िनष्टको हटाअो
राजावादीको हटाअो

गुलामीकी जंजीरको तोड दो
पहाडी पार्टीयोंको छोड दो

िवराटनगरमें िगिरजाकी जमानत जब्त करनी होगी
कृष्ण कोइरालाका राजनीितक किरयर समाप्त है

संगठन िवस्तार करो
संगठन िवस्तार करो

क्रान्ितको िवजय
िवजयको शक्ितमें
बदलो
संगठन
िवस्तार करो

मधेशकी िमट्टीकी कसम
मधेश नामका राज्य लेंगे
सारे नेपाल पर शासन करेंगे

Sunday, January 28, 2007

डटे रहो


िहंसा के पथ पर मत जाअो
अागजनी मत करो, तोडफोडको रोको
लेिकन सडक पर तो डटे रहो
बहुुत हो चुकी गुलामी

अाठ पार्टी सरकारको माँगे पुरी करनी परेगी
क्रान्ित वार्ता थोरे करती है
क्रान्ित तो िवजय की अोर बढती है
बढ रही है
बढने दो

गृह मन्त्रीका राजीनामा लेंगे
बराबर जनसंख्यावाला २०५ सीट लेंगे
अारक्षण लेंगे
६० लाख नागिरकतापत्रिवहीन मधेशी के िलए
नागिरकतापत्र लेंगे
अफ्तब अालमको गृह मन्त्री बनाएंगे
अालमसे ज्यादा भोट नेपालमें कोइ लाता ही नहीं
इसिलए

अाठ पार्टी सरकार घोषणा करो
नहीं तो सद्भावना (अानन्दी) को
सरकारसे अलग हो जानी होगी

मधेशी जनािधकार फोरमको
राजनीितक पार्टी बना दो
जनता दल वा वैसा ही कोइ नाम दे दो
गाँव गाँवमें संगठन िवस्तार करो
वार्ड वार्डमें संगठन िवस्तार करो
क्रान्ितको शक्ितमें बदलो

वो कहते हैं मधेशी राजावादी हैं
िकसी भी मधेशीको पहाडी राजा भला क्यों चािहए
गणतन्त्रका पाठ मधेशीने पहाडीको िसखाया
जनकपुरमें महेन्द्रके गाडी पर बम फेंक्नेवाला
मधेशी ही तो था

समान अिधकारके साथ
गणतन्त्रका भी तो नारा लगाअो

गौतम बुद्ध एक मधेशी था
लेिकन वो कहते हैं मधेशी
िशव सेनावाले, िहन्दु कट्टरपन्थी, बीजेपी टाइप हैं
धर्म अपने जगह पर है
लेिकन ये क्रान्ित तो राजनीितक क्रान्ित है
गुलामीकी जंजीरको तोडनेकी क्रान्ित है

अप्िरलमें कहाँ कहा उन पहाडी नेताअो नें
िक सडक पर उतरे मधेशी
राजावादी हैं, िहन्दु कट्टरपन्थी हैं

िगिरजा है जो सेरेमोिनयल राजतन्त्रकी बात करता है
हमें तो गणतन्त्र अाज क्या अभी चािहए

वैसे मैने दुिनया के कोने कोने के िमिडयाको िलख िदया है
अप्िरलकी तरह
लेिकन तुम अपना िमिडया खुद बन जाअो
क्रान्ितका, सडकमें उतरे लोगोंका
िडिजटल फोटो अौर िभिडयो
इन्टरनेट पर रखो
शहर शहरमें
गाँव गाँवसे
िवश्व समुदायको हमारे पक्षमें लानी है
इसिलए

इस क्रान्ितको सडकसे िवजय घोषणा
िवजय घोषणासे संगठन िवस्तार
संगठन िवस्तारसे चुनावी िजत तक ले जानी है
िगिरजा, माधव, देउवा, प्रचण्ड, सुबथा
प्रत्येकका मधेशसे जमानत जब्त कर दो
संिवधान सभाके पहले सभाको
नेपालका पहला राष्ट्रपित मुझे
एक मधेशी दे दो
पहाडी पार्टीयोंको छोड दो
गुलामीकी जंजीरको तोड दो

Thursday, January 25, 2007

शान्ित वार्ता क्या, िवजय घोषणा करो


अप्िरलमें राजाने भी कहा
अाअो, शान्ित वार्ता करो
तुममेंसे एक प्रधानमन्त्री बन जाअो
सडक खाली कर दो
कुर्सी ही चािहए तो ले लो कुर्सी

अाज िगिरजा कह रहा है
अाअो, बालुवाटारमें अाके चाय िप लो
सडक खाली कर दो

प्रचण्ड कह रहा है
ये राजावादी हैं, ये िशव सेनावाले हैं
कोइ अौकात है इनका जो इनसे वार्ता
करें

राजाने भी अप्िरलमें कहा
दो चार मर गए हैं, कोइ बात नहीं
पाँच दश लाख दे देंगे
सडक खाली कर दो

बालुवाटारमें अाज शहीदके खूनका
मोल लगाया जा रहा है

पहले तो शहीद घोषणा करो
क्षितपूर्ित तो बादकी बात है
शान्ितपूर्ण जुलुस पर लाठी चलायी, गोली चलायी
गृह मंत्रीका राजीनामा एेन वक्तों के िलए ही तो है
नहीं तो माअोवादी भी गोली चलाए, काँग्रेसी भी गोली चलाए
िनहत्थे मधेशी पर
ये क्या जुल्म है

ये लगता है हडताल हो रहा है तुम्हें
ये तो क्रान्ित है
तुम नेता लोग जेलमें थे, घरमें थे
इसीिलए तुम्हें नहीं मालूम
अप्िरलमें भी यही तो हुवा था
सारी दुिनया जाग गयी थी
न्यू यर्कके सबवे ट्रेनमें
नेपालकी बात होने लगी थी
वही तो िफर हो रहा है

ये तो क्रान्ित है

क्रान्ित वार्ता नहीं करती
क्रान्ित तो िवजयकी अोर बढती है
बढ रही है

प्रत्येक मधेशीको नागिरकता दे दो
नहीं तो टुटी देशकी िजम्मेवारी तुम्हारी होगी
संिवधान सभाके िलए २०५ सीटको
बराबर जनसंख्याके अाधार पर बाँटो
नहीं तो टुटी देशकी िजम्मेवारी तुम्हारी होगी

ये बन्दरका खेल थोडे है
ये तो क्रान्ित है

क्रान्ित वार्ता नहीं करती
क्रान्ित तो िवजयकी अोर बढती है
बढ रही है



Monday, January 22, 2007
मधेश जल रही है


अाग लग गयी है मधेशमें
देखो मधेश जल रही है

सडक पर उतर अाए लोगोंको देखो
नेता कार्यकर्ताकी तो बात ही नहीं है
अप्िरल क्रान्ितमें जनतानें नेताको नेतृत्व िदया
इस मधेशी अान्दोलनमें भी वही हाल है
जनता अागे नेता िपछे
शहीद हो गए हैंंं बहुतन

हमें शहीद नहीं चािहए, हमें शान्ितं चािहए
हमें तो शान्ितपूर्ण क्रान्ित चािहए
हमें एक िनर्णायक मधेशी अान्दोलन चािहए

हमें मधेश नामका अलग राज्य नहीं चािहए
हमें मधेश नामका अलग देश नहीं चािहए
हमें तो पुरे नेपालका एक प्रत्यक्ष िनर्वािचत
मधेशी राष्ट्रपित चािहए

हमें समानता, शान्ित अौर समृद्िध चािहए
हमें अपना अिधकार चािहए
इिसिलए दे दो हमें एक िनर्णायक क्रान्ित
अा जाअो सडक पर हात िमलाअो
गले लग जाअो
नारा लगाअो
िचर के रख दो अाकाशको
तािक भावी पीिढ तक अावाज पहुँचे

गाँव गाँवमें संगठन िवस्तार करो
वार्ड वार्डमें संगठन िवस्तार करो
पर्चा बँडबाअो, पोस्टर लगबाअो
गले लग जाअो
नारा लगाअो

ये अार िक पारकी लडाइ है
मधेशी अिधकार: अभी नहीं तो कभी नहीं
ये िनर्णायक संघर्ष है
इसीकी तो इन्तजार थी हमें सिदयो से
क्यँू इतनी इन्तजार करवायी

िवराटनगर, राजिवराज, लहान
जनकपुर, जलेश्वर, मलंगवा
वीरगंज, भैरहवा, नेपालगंज, धनगढी
सब एक एक कर कब्जा कर लो

मधेशकी िमट्टीकी कसम
अा जाअो सडक पर
ये सडक तुम्हारा है

Friday, December 29, 2006

िफर से कह दो एक बार इन्िकलाब


िफर से कह दो एक बार इन्िकलाब
मधेशके िमट्टीकी कसम
तूफान खडी कर दो
ले लो कब्जे में
झापासे कञ्चनपुर
एक क्रान्ित िफर से कर दो

बगावत हो जाएगी
छयालीस सालकी बात थी
गजेन्द्र बाबुने कहा
पहाडी राजाने पहाडीयोको प्रजातन्त्र िदया
हमें क्या िदया
एक क्रान्ित िफर से कर दो

लोकतन्त्रकी बात करते ये पहाडी
लेिकन उनके लोकतन्त्रमें
एक व्यक्ित एक मत नहीं होता
नहीं तो बराबर जनसंख्या पर
संसदीय सीटे होती
एक क्रान्ित िफर से कर दो

सात सालमें मधेसीको बन्दूक थमाया कृष्ण प्रसादनें
क्रान्ित की मधेसीके कन्धे पर बन्दूक रखके
छयालीस सालमें प्रधानमन्त्री बना तो उसने कहा
मधेसी कायर होते हैं
इसी िलए नहीं भर्ती करते हम सेना में
एक क्रान्ित िफर से कर दो

दश साल पहले पहाडीयोनें अाँकरा बनाया
बयालीस लाख बगैर नागिरकता पत्रके हैं
अाज वो दश साल बाद तीस लाखको नागिरकता पत्र
देने जा रहे हैं
ऐसी बर्ताब रही तो टूट जाएगी देश
एक क्रान्ित िफर से कर दो

िकसी भी मानवको नागिरकता पत्रसे वञ्िचत करना
मानव अिधकारका हनन है
िलखा है मानव अिधकारके घोषणापत्रमें
लेिकन पहाडी मानव अिधकारवादी संगठनें
चूं नहीं बोल्ते
एक क्रान्ित िफर से कर दो

पृथ्वी शाहके राजा बननें से हजारो साल पहले
एक राजा जनक हुवा करते थे
अाज ये िमिथलावासीको भारतीय कहनेका
दुस्साहस करते हैं
ले लो वतन या दे दो वतन
एक क्रान्ित िफर से कर दो

जनसंख्या है हमारे पास
एक व्यक्ित एक मतका लोकतन्त्र अा जाए
तो राज्य पर होगा हमारा कब्जा
लेिकन वो कह रहे नहीं चािहए वैसा लोकतन्त्र
ले लो उसे िछनके
एक क्रान्ित िफर से कर दो

पत्ता साफ करो मोरङसे कोइराला खान्दानका
राणा गए, शाह गए, कोइराला भी जाएंगे
जमानत जफ्त करो माधव नेपालका
रौतहटमें, प्रचण्डको कहो काठमाण्डुमें ही रहे
िचतवन हमारा है
एक क्रान्ित िफर से कर दो

हेम बहादुर धनुषासे िजते
शरद िसंह महोत्तरीसे
ये क्या नौटंकी है
िजता है क्या कोइ यादव
काठमाण्डुसे
एक क्रान्ित िफर से कर दो

एमालेवाले चीनका हँसुवा हथौडावाला झण्डा
टाङ्ते है
कोइ अापत्ित नही िकसीको
सद्भावनाके झण्डाको कहते हैं
भारतका ितरङ्गा है
एक क्रान्ित िफर से कर दो

अपने अापको मधेसी क्यों बोल्ते हो
नेपाली बोलो कहते हैं
बोलो उनको, मानवताके उचाइको देखो
संकीर्ण िवचार छोडो, मानव बोलो,
नेपाली क्यों बोल्ते हो
एक क्रान्ित िफर से कर दो

िहन्दी ही तो है मधेशकी पहचान
नहीं तो मधेशी, भोजपुरी, अविध, उर्दुमें बँटे हैं
िहन्दी ही तो है पुरे मधेशको एक करती है
सम्पर्क भाषा है
िहन्दीको उसकी जायज जगह दो
एक क्रान्ित िफर से कर दो

अिधकार भीख की तरह नहीं माँगी जाती
अिधकार तो िछन्ना परता है
तमुनेे अप्िरलमें जैसे िछना
अप्िरल क्रान्ितका शंखघोष तुमने
जनवरी १२ को जनकपुरमें िकया
एक क्रान्ित िफर से कर दो

ललकारो उन मधेशीयोको
जो अात्मघृणाका भाषा बोल्ते हैं
गाँव गाँवमें जाअो
संगठन िवस्तार करो
उजाला फैलाअो
एक क्रान्ित िफर से कर दो

मधेशके िमट्टीकी कसम
िफर से कह दो एक बार इन्िकलाब


18 January 2007, Thursday320
19 January 2007, Friday242
20 January 2007, Saturday32
21 January 2007, Sunday269
22 January 2007, Monday343
23 January 2007, Tuesday332
24 January 2007, Wednesday479
25 January 2007, Thursday667
26 January 2007, Friday553
27 January 2007, Saturday489
28 January 2007, Sunday524
29 January 2007, Monday783
30 January 2007, Tuesday572
31 January 2007, Wednesday701
1 February 2007, Thursday768
2 February 2007, Friday614
3 February 2007, Saturday716
4 February 2007, Sunday963
5 February 2007, Monday1268
6 February 2007, Tuesday988
7 February 2007, Wednesday1256

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