Monday, July 26, 2021

जसपा विवाद: श्री ६ पार्टी अध्यक्ष को विवाद




पहिलो कुरा: संविधान अत्यंत गलत छ 

संविधान यति सारहो गलत छ कि देउबा ले पार्टी महाधिवेशन मा पार्टी सभापति को चुनाव हारेर (जसको संभावना प्रबल छ) नेका को संसदीय दलको केमिस्ट्री फेरबदल भएर संसदीय दलको नेता पद गुमाए पनि देउबा को प्रम पद कायम रहने हुन्छ। संविधान ले त्यही भन्छ। अर्को चुनाव सम्म देउबा प्रधान मंत्री। 

प्रचंड र देउबा बीच मनमुटाव भएर (जसको संभावना प्रबल छ) छ अथवा १० महिना पछि प्रचंड सरकार मा नबस्ने निर्णय गरे पनि देउबा को प्रम पद कायम रहने हुन्छ। नेपाल को संविधान ले त्यही भन्छ। 

अथवा समय मा महाधिवेशन नभएर पार्टी को वैधानिकता समाप्त भएर कांग्रेस पार्टी को अस्तित्व समाप्त भएर सबै कांग्रेसी सांसद या त स्वतंत्र हुने या त पदमुक्त हुने भए पनि देउबा प्रम पद मा कायम। अर्थात कांग्रेस पार्टी खुद ले अब पार्टी सरकार मा नबस्ने निर्णय गरे पनि देउबा को प्रम पद तल माथि हुन सक्दैन। 

देउबा ले पद बाट राजीनामा दिने त कुरै आउदैन। त्यस्तो कुनै रेकॉर्ड छैन। 

अर्थात देउबा यो संसद को कार्यकाल का लागि राजा हो। नेपाल को संविधान ले त्यही भन्छ। संसद प्रति देउबा को रत्ति भर पनि जवाफदेहिता छैन। 

जब कि यो एउटा मात्र धारा ले गर्छ यो सब नौटंकी। त्यस्तो धारा उपधारा १०० वटा छ। बैठक कोठा हरु मा लेखिएको यो संविधान। 

जसपा विवाद: श्री ६ पार्टी अध्यक्ष को विवाद

उपेंद्र यादव लाई पनि श्री ६ पार्टी अध्यक्ष हुनु छ। महंथ ठाकुर लाई पनि श्री ६ पार्टी अध्यक्ष हुनु छ। जसपा को विवाद त्यो हो। 

पार्टी मा दुई गुट त थिएन। एउटा उपेंद्र गुट, अर्को महंथ गुट भए पो दुई गुट। एउटा ओली गुट, अर्को देउबा गुट। अहिले त यो पनि देउबा गुट, त्यो पनि देउबा गुट, तैपनि पानी बाराबार को अवस्था। 

संसद पुनर्स्थापना भए पछि लोकतंत्र माथि को प्रतिगमन सच्चियो। सर्वोच्च अदालत ले सच्याएको। उपेंद्र यादव ले सड़क मा माइकिंग गरेर सच्चिएको होइन। तर मधेस आंदोलन प्रति भएको र भइरहेको प्रतिगमन, त्यो सच्याउने जिम्मेवारी देउबा को कि ओली को कि माधव अथवा प्रचंड को? 

निर्वाचन आयोगको फैसला : उपेन्द्रलाई वैधानिकता, महन्थलाई संकट ठाकुरले नयाँ नामको पार्टी दर्ता गर्नुपर्ने
निर्वाचन आयोगमा रेशम चौधरीले सुनाए महाभारतको कथा ‘भीष्मपितामह’ महन्थ दुर्योधनको पक्षमा उभिनुभयो : रेशम चौधरी .........  यस्तै चौधरीले पार्टीको आधिकारिकतासम्बन्धी विवादमा एउटा पक्षले जित्ने निश्चित हुँदाहुँदै पनि आफू तटस्थ बसेको बताउँदै पार्टी अध्यक्ष महन्थ ठाकुरलाई सघाउन नसकेको भन्दै क्षमायाचना गरे । आफ्नो लागि पक्ष र विपक्ष दुवै जसपा पार्टी भएकाले तटस्थ बस्ने निर्णय लिएको उनको प्रतिक्रिया थियो । ‘आज जेलबाट यस निर्वाचन आयोगमा आएर पक्ष र विपक्षको सनाखत गर्न मेरो नियत र नैतिकताले दिएन’, उनले भने, ‘मेरो लागि पक्ष जसपा हो, विपक्ष पनि जसपा हो । म जसपाको एउटा कार्यकर्ता हुँ ।’ ..... उनले पार्टी फुटेर कसैको भलाइ नहुने भन्दै मिल्नुपर्नेमा पनि जोड दिएका छन् ।

श्रीमान् न्याय देऊ हामीलाई क्षमा चाहिँदैन 
दोषीलाई दण्ड देऊ तर निर्दोषीलाई थुन्न पाइँदैन



Thursday, July 22, 2021

२० साल तक २०% आर्थिक वृद्धि दर

२० साल तक २०% आर्थिक वृद्धि दर नेपाल में संभव है। उसके लिए ढेर सारी चीजों को एक के बाद एक सीक्वेंस (sequence) मिला के करते जाना होगा। पहली बात तो जनमत पार्टी को ६०% से उपर सीट ले के संसद में पहुँचना होगा। सबसे महत्वपुर्ण कदम ही वही है। कांग्रेस, कम्युनिस्ट, जसपा आदि के ६०% सीट लाने से वो संभव नहीं है। सही जगह पर अभी नेपाल में सिर्फ जनमत पार्टी है। बहुदलीय परिधि में एक दल का स्पष्ट शासन। आर्थिक क्रांति के लिए वो अपरिहार्य है। 

चुनावी विजय न सोंच के एक व्यवस्था को गिराने की बात होनी चाहिए। ३० साल से चली आ रही दो दलीय भ्रष्टाचारतंत्र। उससे पहले  ३० साल चली पंचायत। पंचायत को गिराया गया, चुनाव में हराया नहीं गया। 

अब आ रही स्थानीय चुनाव में झापा से कंचनपुर तक प्रत्येक वार्ड में, प्रत्येक गाओं प्रत्येक शहर में उम्मेदवारी दे के, ६०% से ज्यादा सीट जित के, स्थानीय स्तर पर अच्छा काम कर के, गाँव गाओं में एक मेस स्थापना कर के, एक साल अच्छा काम कर के उस के बल पर जब केंद्रीय चुनाव आती है तब तक में संगठन को ७७ जिल्ला में फैला कर प्रत्येक संसदीय सीट पर उम्मेदवारी देनी होगी। 

इतना करने के लिए एक आंदोलन अपरिहार्य है। जनमत पार्टी स्वीप करेगी नहीं करेगी उतना चुनाव से पहले ही मालुम हो जाएगा। अगर जनमत पार्टी मीडिया में हर जगह छा गयी तो स्वीप करेगी। उस तरह छा जाने के लिए आंदोलन अपरिहार्य है। 

बना बनाया स्कीम है। अन्ना हजारे और अरविन्द केजरीवाल का। उसके फोटो वीडियो बगैरह सब इंटरनेट पर अभी भी है। टाइम मशीन में बैठ के घुम फिर लिजिए जा के। तो अभी महामारी का समय, जमघट करना ठीक नहीं होगा। तो घर घर आंदोलन। घर के भितर ही आंदोलन। देश भर में आंदोलन। ३६५ दिन तक रिमोट रिले अनशन। उसके बल पर देशव्यापी संगठन बन जाएगा। 


२०% के लिए 4G 5G ८०% के लिए तरकारी खेती 

बच्चा क्लास से कॉलेज युनिवर्सिटी का पढाई आज इंटरनेट पर मुफ्त में किया जा सकता है। आज आप खुद कोडिंग करना सिख के बिना किसी डिग्री के करोड़ रुपैया का नौकरी नेपाल में बैठ के कर सकते हैं। २०% जनसंख्या के लिए वो रास्ता बहुत उपयुक्त है। दशों हजार के संख्या में उपग्रह भेजे जा रहे हैं उपर। दुनिया के कोने कोने में इंटरनेट तो वैसे भी पहुँच जाएगी। देश के कोने कोने में 5G ले जाना जनमत सरकार का प्रथम काम होना चाहिए। शिक्षा, स्वास्थ्य, पुर्वसंरचना (infrastructure) और कारोवार करने के सहजता (Ease Of Doing Business) चारो पर एक अस्त्र है 5G; जो सरकारी सेवा आज तीन लाख सरकारी तलब खाने वाले नहीं दे पा रहे हैं, उससे १० गुना बेहतर सेवा सिर्फ ३० हजार कर्मचारी दे पाएंगे अगर देश भर में 5G है तो। सैनिक, प्रहरी और कर्मचारी के संख्या में व्यापक कटौती। शिक्षक और स्वास्थ्यकर्मी के संख्या में बढ़ोतरी। 

८०% जनसंख्या तक लेकिन रोजगारी ले जाने के तरिका तरकारी खेती। झापा से कंचनपुर प्रत्येक खेत तक साल के १२ महिने सिंचाइ पहुँचा के हर खेत में तरकारी खेती। बर्दीबाँस से जनकपुर जयनगर होते हुवे कोलकाता तक रेफ्रिजरेटेड मालगाड़ी में  ले जा के बड़े बड़े रेफ्रिजरेटेड जहाजों में दुबई से शंघाई तक सप्लाई। लो खाओ तरकारी, स्वस्थ रहो, मस्त रहो। 

सिर्फ एक तरकारी खेती के बल पर नेपाल में जो प्रति व्यक्ति आय एक हजार डॉलर है उसको २०,००० डॉलर तक ले जाया जा सकता है।