Sunday, October 04, 2020

MAA और ANTA और महिला पुरुष असमानता

मैंने शायद पिछले साल एक विचार प्रकट किया। कि अमरीका के सभी मधेसी संगठनों के एकीकरणका अभियान चलाया जाए। प्रमुख रूप से MAA और ANTA लेकिन अभी तक छोटेमोटे ढेर सारे संगठन हो गए हैं देश भर में। नेपालमें मधेस आन्दोलन अभी अपने गन्तव्य पर पहुँच नहीं पाइ है और भारतके बिहारी अपने ही किस्मके मधेसी हैं। 

पढ़ लिखके लोग अमरीका आ जाते हैं। तो वो तो व्यवहार में दिखना पड़ेगा न। सिर्फ डिग्री ले लेने से नहीं होता है। 

मैंने वर्षो से मधेस आन्दोलनके भितर सिद्धान्त की बात की है। राजनीतिक रणनीति की बात की है। लेकिन संगठनके भी सिद्धांत होते हैं। आप संगठन के भितर रहके लोकतान्त्रिक आचरण नहीं दिखा सकते हैं तो फिर समानता के नाम पर उछलकुद करने से क्या होगा? 

आप महिला पुरुष समानता के नाम पर पत्थर युग में अगर हैं तो फिर मधेसी पहाड़ी समानताकी बात आप किस आधार पर करते हैं? भगवान कृष्ण ने गीता में स्पष्ट कहा है, सभी जात के लोगो से समान व्यवहार करो। तो वो समान व्यवहार संगठन के भितर दिखनी चाहिए। 

वहाँ नेपाल के दो प्रमुख पार्टियाँ एक हो गए लेकिन अमरिका के पढ़ेलिखे मधेसी एकीकरण के ए तक भी अभी नहीं पहुँच पाए हैं। और मैंने ANTA के अध्यक्ष का नाम ही लिया था। महिला थी। और संगठनकी निर्वाचित अध्यक्ष। कुछ महीनों पहले उलटे उनके विरुद्ध घिनौना गन्दा राजनीति देखना पड़ा। रिप्लाई आल पर रिप्लाई आल। 

हम जो समानताकी बात करते हैं, समानताकी चाह रखते हैं, संगठन के भितर सभ्य, आदरपुर्वक और लोकतान्त्रिक व्यवहार दिखा के समानताकी माँग करनेका अधिकार कमाना होगा। 

मधेस में, बिहार में महिला की सामाजिक स्थिति बहुत कमजोर है। अमरीका आके मधेसी और बिहारी उसीको कायम रखे वो शोभा नहीं देता। नेपालमें संगठन के भितर महिलाको एक तिहाई मिलता है। वो अमरीका के मधेसी संगठन के भितर क्युं न मिले? हम तो उन्हें सिखा न पाएँ, हम उनसे क्युँ न सिखे? 

आत्मालोचना करना होगा। आचरण सुधारना होगा। गलतियाँ महसुस करनी होगी। महिला पुरुष असमानता है ही कहाँ कहने वालो जरा उन पहाड़ियों की सुनो जो वही जवाब मधेस आन्दोलनको देते हैं। 



Wednesday, August 26, 2020

सीके राउत को "त्याग" त तीर्थाटन हो

सीके राउत ले अमेरिकामा करोडौं को जागीर छोडेर नेपाल फर्के। कस्तो त्यागी नेता भन्नेहरु छन। एक झलक त्यो हो पनि। तर पैसाकै कुरा हो भने सीके राउत ले लेखिसकेको र भविष्यमा लेख्ने आफ्नो आत्मजीवनीको दोस्रो भाग अंग्रेजीमा अमेज़न डॉट कॉम मा आफैले प्रकाशित गरेर छोडिदिने मात्र हो भने सीके को नेतृत्वमा संगठन आन्दोलन, र आन्दोलन सत्तामा परिवर्तन हुँदा, र सत्ताले डेलीवरी गर्दा त्यो पुस्तकको कमाइ अमेरिकाको जागीर नछोडेर गरेको कमाई भन्दा कैयौं गुना बढ़ी हुनेछ। 

त्याग होला र हो पनि तर अत्यन्त राम्रो करियर मुभ पनि हो। तर सेवाको भावनाले थालेको काम मा पैसाको हिसाबकिताब हुँदैन। मलाई चीसो पस्ने एउटा कारण मात्र के हो भने यो भर्खर भर्खर टुसो पलाएको संगठन व्यक्ति पुजा मा गएर विसर्जन नभै जाओस। 

सीके को व्यक्ति पुजा हुनु हुँदैन। सीके सँग आदरपुर्वक संवाद र लोकतान्त्रिक वादविवाद हुनुपर्छ। सक्नेले सहयोग गर्नुपर्छ। नसक्नेले भोट र नोट दिनुपर्छ। 

सत्तामा आए पाँच वर्ष भित्र गर्ने के? प्रश्न गर्नुपर्छ। उत्तरको कसौटीमा कदम कदम मा जोख्नुपर्छ सत्तामा पुगिहाले। 

सीके दर्जनौं पटक जेल गएर त्याग गर्यो। त्यो म भन्दिन। जेल जानु सीके को एक्शन होइन। जेल ठुस्ने हरु बरु नाङ्गो भए। नेपालमा मानव अधिकार छैन। विश्व भरि सपष्ट भयो। संविधानमा जेसुकै लेखिए पनि नेपालमा वाक स्वतंत्रता छैन। त्यो देखियो। सर्वोच्च अदालतको आदेश प्रशासनले नमान्ने कानुनको शासन नभएको देश नेपाल। दुनियालाई स्पष्ट भयो। 

आफ्नो जन्मभुमि जानु त्याग होइन तीर्थाटन हो। सीके तीर्थाटनमा छन। 

Dr. CK Raut on Twitter: "33 #FreeMadhesh activists, including Dr. CK Raut,  acquitted of 4 sedition charges on Feb 15th. Thanks to all. #Nepal  #TruthAlwaysWins #Nonviolence @UNPOintl @amnesty @hrw…  https://t.co/PJzjf8cLOs"


मधेस क्रान्तिको नया संस्करण: सीके राउतको संगठन निर्माण 

नेपालको राजनीतिले खोजेको पुस्ता हस्तान्तरण

वीडियो प्लेलिस्ट 

दोस्तों, जब भी संघर्ष करते करते, विरोधियों के आक्रमण को झेलते झेलते और षड्यन्त्रकारियों से उलझते उलझते आपका पैर...

Posted by Dr. CK Raut - सचिवालय on Wednesday, August 26, 2020