Thursday, June 30, 2016

सम्विधान सन्सोधन बिना चुनाव सम्भव छैन

तीन तीन वटा मधेसी क्रांति का डेढ सय शहीद र दशो हजार घायल मधेसी क्रांतिकारी को अपमान मधेस ले हुन दिदैन।

अहिले को अवस्था मा चुनाव सम्भव छैन।

मधेसी जनजाति आन्दोलन लाई सम्मानजनक सम्बोधन गर अनि चुनाव गर।

ग्यानेन्द्र स्टाइल मा बलधकेल चुनाव गराउन चाहिरहेको ओली 2006 अप्रिल क्रांति मा घाम तापेर बसेको थियो । उ सहभागी थिएन। बाहुन ले च्याउ खाओस न स्वाद पाओस।

बाहुन ले नेपाल मा राजनीति गर्ने समय धेरै बान्की रहेन अब।

 

Saturday, June 25, 2016

दलित से माफी मांगने वाली बात

कुछ मधेसी जागरूक लोगो ने दलितों से माफी मांगने का अभियान चलाया है। सराहनीय बात है। लेकिन क्या यह समस्या का समाधान है?

जातपात पहाड़ में भी है। बाहुनवाद का साप सारे देश के राजनीति को जकेडे हुए है। सबसे बडे तीन पार्टी, देशका पुरा ब्यूरोक्रेसी सब उस साप के सिकनजे में है।

शोसन करने का जिनके पास ताकत ही नहीं, जो खुद अपने आधारभूत अधिकार के लिए लड़ रहे हैं वैसे लोग माफी मांग रहे हैं। ये उनकी महानता है।

जातपात का जो प्रथा है उसके भीतर समानता सम्भव है ही नहीं। तो उस जातपात को जड़ से उखाड़ फेंकने का रास्ता क्या है? इस बात पर विचार विमर्श किया जाए।